सोमवार 10 जनवरी 2022 - 20:35
हज़रत फातिमा ज़हरा मानवता के लिए सर्वश्रेष्ठ मॉडल:  ओलामा ए इकराम

हौज़ा / मौलाना नामदार अब्बास ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि अगर आम आदमी से अच्छी राय (हुसने ज़न) रखी जाए तो अता मे कमी नहीं होती है। इसी प्रकार अगर खुदा से हुसने ज़न रखा जाए तो लोक और परलोक की खुशी मनुष्य को प्राप्त होती है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, रामपुर मंगोरा डेला (अंबेडकर नगर): हर साल की तरह पवित्र पैगंबर की इकलौती बेटी हजरत फातिमा ज़हरा (स.अ.) के शहादत दिवस पर इस्लामी जगत को दावते फिक्र दे रहा है क्योकि पैगंबर की बेटी केवल अठारह वर्ष की आयु में बेंत लिए हुए नजर आई है और रात के अंधकार मे दफन की गई?

मौलाना सैयद नामदार अब्बास (दिल्ली) और मौलाना सैयद आज़ाद हुसैन (दिल्ली) ने दिवंगत मुहम्मद अजहर के परिवार की ओर से मजलिस को संबोधित किया। अगर आम आदमी से अच्छी राय (हुसने ज़न) रखी जाए तो अता मे कमी नहीं होती है। इसी तरह, यदि कोई अल्लाह के बारे में अच्छा सोचता है , तो इस दुनिया और उसके बाद का सुख मनुष्य को प्राप्त होता है।

दूसरा शोक समारोह मौलाना नूर-उल-हसन करबलाई द्वारा दोपहर की नमाज के बाद जनाब महफूज सुल्तानपुरी की प्रस्तुति के साथ शुरू किया हुई। उन्होंने कहा कि पवित्र कुरान से परिचित होना आवश्यक है ताकि शहजादी ए कौनेन उनसे खुश रहे। मौलाना के अनुसार तस्बीह फातिमा हर नमाज़ के बाद एक दिन में हज़ार रकअत नमाज़ पढ़ने से बेहतर है।

गौरतलब है कि हुसैनिया ज़हरा में इन सभाओं की शुरुआत कलाम-उल-अल्लाह के पाठ से हुई। रामपुर मंगोरा डाला जिला अंबेडकर नगर में, फातेमी का वार्षिक शोक जुलूस इस तथ्य से प्रतिष्ठित है कि मौलाना सैयद हैदर अब्बास रिजवी और अन्य धार्मिक विद्वानों के बैनर तले श्रद्धालु अपने धार्मिक, नैतिक और राजनीतिक विचारों को व्यक्त कर सकते हैं। ज्ञान की प्यास इस बार भी गत वर्षों की भाँति इस शिविर में आकर अपनी समस्याओं का समाधान खोज निकाला है। अकबरपुर, फैजाबाद, उन्नाओ, आजमगढ़, लखनऊ आदि के विश्वासियों ने इसका भरपूर लाभ उठाया।

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